हिंदी में जानिए DEHYDRATION (शरीर में पानी की कमी) निर्जलीकरण क्या है, पूरी जानकारी in 2023
डिहाइड्रेशन का मतलब शरीर में पानी की कमी होना है ,पानी मनुष्य जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण तत्व होता है जैसा कि हम सब जानते हैं हमारा शरीर 70% पानी से मिलकर बना होता है पानी के बिना मनुष्य का जीवन संभव नहीं है जब शरीर से अधिकतम पानी बाहर निकल जाता है तो डिहाइड्रेशन जैसी समस्या उत्पन्न होती है, यह समस्या आमतौर पर गर्मी के मौसम में अधिकतम मात्रा में देखी जाती है क्योंकि गर्मी के दिनों में शरीर से अधिक मात्रा में पसीना आने के कारण हमारा शरीर नमी खोने लगता है,और हमारे शरीर में बहुत सारे मिनरल्स minerals जैसे सोडियम NA , पोटेशियम K, ग्लूकोस Glucose, की कमी होने लगती है और विषय विषैले तत्व जैसे पसीना sweat, यूरिया urea इन की मात्रा बढ़ने लगती है जिससे हमारे शरीर की कोशिकाओं cell के तरल पदार्थ सूखने लगते हैं , जिससे शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचता है और यह गंभीर समस्या का कारण बन सकता है इसीलिए डिहाइड्रेशन को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और समय रहते इसे ठीक करने के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए !डिहाइड्रेशन DEHYDRATION क्या है?
DEHYDRATION-
डिहाइड्रेशन के कारण;- Cause of DEHYDRATION
अतिरिक्त पसीना: गर्मी के मौसम के कारण उच्च आद्रता होने के कारण मनुष्य के शरीर से पसीना अधिक मात्रा में स्त्राव होता है जिसके कारण शरीर से पानी की कमी होने लगती है और साथ ही साथ त्वचा शुष्क होने लगती है जो कि डिहाइड्रेशन का कारण बन सकती है,
उल्टी-दस्त: जब कोई व्यक्ति उल्टी या दस्त की समस्या से पीड़ित होता है तो उससे शरीर से पानी निकलता है जो डिहाइड्रेशन का मुख्य कारण होता है।क्योंकि शरीर से अधिक पानी बहार निकल जाती है और इससे शरीर के तापमान में वृद्धि होती है। यह समस्या अधिक मात्रा में पसीने के कारण भी हो सकती
बुखार: जब किसी को बुखार होता है तो वह ज्यादा से ज्यादा पसीने लगता है जिससे शरीर से पानी खत्म होने का खतरा बढ़ जाता है।
निर्मम तापमान: गर्मी के मौसम में शरीर के तापमान को निर्मम तापमान से बढ़ने का अनुभव होता है और इससे शरीर से ज्यादा पानी की मात्रा निकल जाती है।
अधिक व्यायाम exercise: अधिक व्यायाम करने से शरीर से अधिक मात्रा में पानी निकल जाती है। यदि आप गर्मियों में व्यायाम करते हैं तो अपने शरीर को पर्याप्त पानी की आपूर्ति देना अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
कम पानी की आपूर्ति less water intake: शरीर के लिए पानी की आपूर्ति बहुत महत्वपूर्ण है। अगर आप गर्मियों में अपने शरीर को पर्याप्त पानी नहीं देते हैं तो आप डिहाइड्रेशन के शिकार हो सकते हैं।
अधिक कैफीन: अधिक मात्रा में कैफीन का सेवन भी डिहाइड्रेशन का कारण हो सकते हैं।
प्रकार
1.आइसोटोनिक डिहाइड्रेशन isotonic dehydration: यह एक ऐसी अवस्था है जिसमें शरीर में पानी और नमक दोनों एक अनुपात में बाहर निकलते हैं हैं तो इसे आइसोटोनिक डिहाइड्रेशन कहते हैं
आइसोटोनिक डिहाइड्रेशन के कारण :उल्टी दस्त,अधिक पसीना आना पसीना आना
2.हाइपरटॉनिक डिहाईड्रेशन Hypertonic dehydration; यह डिहाइड्रेशन की एक ऐसी अवस्था है जिसमें शरीर से सोडियम की तुलना में पानी की मात्रा ज्यादा खर्च होती है जिसके कारण बाहरी कोशिका द्रव्य में सोडियम का लेवल बढ़ जाता है यह कंडीशन अधिकतर शिशुओं और प्रदुम में दिखाई देती है यह कंडीशन जब होती है जब बच्चा पतले दस्त करता है जिसमें शरीर से पानी ज्यादा बाहर आता इससे हाइपरनेट्रिमिया hypernatramiaभी कहा जाता है
3 हाइपोटोनिक डिहाईड्रेशन इसमें शरीर से पानी की तुलना में सोडियम की मात्रा अधिक खर्च हो जाती है जिसके कारण सिरम ऑस्मोलालिटी का लेवल कम हो जाता है हाइपोटोनिक डिहाइड्रेशन एक क्यूट और क्रॉनिक दोनों तरीके का हो सकता है यह कंडीशन एडिशन Addisons disease और रिनल ट्यूबलर एसिडोसिस Renal tubular acidosis में देखी जा सकती है जिसमें शरीर की सेल और कोशिकाएं मैं स्वेलिंग आ जाती है
Pathophysiology ; of Dehydration
डिहाइड्रेशन एक स्थिति है जहाँ शरीर से अतिरिक्त पानी के नुकसान के कारण शरीर के अंदर पानी की मात्रा कम हो जाती है। यह एक संक्रमण, अधिक शारीरिक श्रम, उष्णता या उष्ण वातावरण, अल्कोहल या दवाओं का उपयोग जैसे कई कारकों से हो सकता है।जब शरीर के अंदर पानी की मात्रा कम होती है, तो यह अनुचित होता है क्योंकि पानी शरीर के समस्त कार्यों के लिए आवश्यक होता है। शरीर के ऊतकों को पोषण प्रदान करने और समस्त शारीरिक कार्यों को संभालने के लिए पानी आवश्यक होता है।डिहाइड्रेशन के संकेतों में शामिल हैं थकान, त्वचा का सूखना, निश्चलता, मुँह का सुखना, भूखमरी और दस्त होना। इस स्थिति में, शरीर के कुछ ऊतक अपने कार्यों को संभालने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी प्राप्त नहीं करते हैं जो इनकी संभावित नुकसान के कारण शरीर के अन्य ऊतकों के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है।यदि डिहाइड्रेशन को समय पर नहीं रोका जाता है, तो यह शरीर के अन्य ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकता है और गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। इन समस्याओं में दिल की बीमारी, फेफड़ों की बीमारी, थकान, दिमागी कमजोरी और अन्य विकार शामिल हो सकते हैं।
डिहाइड्रेशन के दुष्प्रभाव
डिहाइड्रेशन के स्किन पर कुछ दुष्प्रभाव
, त्वचा के दाग धब्बे,: जब त्वचा सूखती है तो उसमें त्वचा की सुरक्षा के लिए एक स्वर्णिम परत बनती है जिसे सबुन या पानी से नहीं निकाला जा सकता है। इस परत के कारण त्वचा पर दाग धब्बे नजर आ सकते हैं।
त्वचा के रंग में बदलाव: जब हमारे शरीर में पानी की कमी होती है तो हमारी त्वचा सूखने लगती है के कारण त्वचा के अंदर मौजूद मिलेनिन नामक तत्व की मात्रा में बढ़ोतरी होती है जिससे त्वचा गहरी और काली होने लगती है जिसे dark spot or pigmentation रूप में जानते हैं
डिहाइड्रेशन के कारण ह्रदय पर कई दुष्प्रभाव
Increase heart beat दिल की धड़कन तेज होना : जब शरीर में पानी की मात्रा बहुत कम हो जाती है जिसके कारण विषैले पदार्थों की मात्रा शरीर में बढ़ जाती है जो दिल की धड़कन को तेज कर सकता है भार के कारण ह्रदय संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।डिहाइड्रेशन के कारण मानसिक स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव
ध्यान नहीं रख पाना LOSS OF CONCENTRATION : शरीर को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं प्राप्त करने से शरीर की संतुलन रखने में परेशानी होती है जो ध्यान लगाने में बाधा उत्पन्न करती है।
थकान STRESS: डिहाइड्रेशन के कारण शरीर की ऊर्जा कम होती है जो थकान और आलस्य को बढ़ा सकती है।
अवसाद DEPRESSION : डिहाइड्रेशन से शरीर में उपलब्ध नहीं होने वाले पोषक तत्वों के कारण मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है। यह अवसाद जैसी मानसिक समस्याओं का कारण बन सकता है।
समस्याएं जैसे MIGRANE माइग्रेन: डिहाइड्रेशन एक माइग्रेन जैसी समस्या को भी बढ़ा सकता है।
अस्थिर मूड और चिंता MOOD SWING AND ANXITE: डिहाइड्रेशन से शरीर के अंदर नमी कम होती है, जो अस्थिर मूड और चिंता के कारण बन सकता है।
बुखार Fever: डिहाइड्रेशन के कारण शरीर की तापमान बढ़ सकती है जिससे बुखार हो सकता है।
डिहाइड्रेशन के कारण किडनी पर दुष्प्रभाव
डिहाइड्रेशन से पानी की कमी होने के कारण यूरीन के माध्यम से विषैले पदार्थों के निष्कासन में असमर्थता हो सकती है। इससे खुश्क पेशाब की समस्या हो सकती है जिससे यूरिन में बैक्टीरिया विकास हो सकता है और इससे मूत्रमार्ग संक्रमण हो सकता है। अधिकतम मात्रा में पानी पीना खुश्क पेशाब की समस्या से बचने में मदद करता है और यूरीन पथ की समस्याओं से बचाता है।इसके अलावा, डिहाइड्रेशन से यूरीन में कॉन्सेंट्रेट बन जाता है जिससे किडनी में स्टोन का निर्माण हो सकता है। किडनी में स्टोन के निर्माण से उत्पन्न होने वाली समस्याएं जैसे कि पीठ या बैक में दर्द, उल्टी, मूत्र समस्याएं और मूत्रमार्ग संक्रमण हो सकते हैंडिहाइड्रेशन के संकेत और लक्षण (Sign and symptoms of Dehydration)
यह किसी भी उम्र वाले व्यक्ति को हो सकता है, अर्थात बच्चों से लेकर बूढों को इसका शिकार बनना पड़ता है अगर हम इसका इलाज सही समय पर न करवाएं तो हमें बहुत ही घातक बीमारियों का सामना करना पड़ता है, जैसे कि ब्रेन डैमेज, किडनी फेल आदि।शिशुओं में डिहाइड्रेशन के लक्षण:
बच्चों में तंदुरुस्ती या विकारों के कुछ लक्षण हो सकते हैं जो जल की कमी के कारण होते हैं। निम्नलिखित लक्षणों को देखकर बच्चे में जल की कमी होने की संभावना हो सकती है:
- सूखी जीभ या मुंह का सुखाना
- पेट में दर्द या उल्टी
- दस्त (दस्त से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय करें)
- थकान या कमजोरी
- छाती के नीचे अधिक गर्मी
- बुखार
- शीघ्र नाभि के नीचे की जगह पर सूखेपन के निशान दिखाई देना
अगर बच्चे के शरीर में पानी की कमी होती है तो वे थक जाते हैं और शारीरिक काम करने में परेशानी होती है। यदि आपका बच्चा उपरोक्त लक्षणों में से कुछ या सभी लक्षण दिखाता है, तो उन्हें पर्याप्त मात्रा में पानी देना चाहिए और अगर समस्या बढ़ती है तो तुरंत एक चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए।
महिलाओं में डिहाइड्रेशन के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:
प्यास लगना: अधिकतर महिलाओं में डिहाइड्रेशन का प्रमुख लक्षण प्यास लगना होता है।
त्वचा का सुखना: डिहाइड्रेशन के कारण त्वचा सूखी और तैलाहट लगने लगती है।
थकान: अधिक पानी की कमी होने से शरीर में ऊर्जा की कमी होती है, जिससे थकान और कमजोरी का अनुभव होता है।
बुखार: डिहाइड्रेशन के कारण शरीर का तापमान बढ़ सकता है और बुखार हो सकता है।
मुंह का सुखना: डिहाइड्रेशन से मुंह में सूखापन और बदबू आ सकती है।
मूत्र का रंग गहरा होना: अधिकतर महिलाओं में डिहाइड्रेशन के कारण मूत्र का रंग गहरा हो जाता है
बुजुर्गों में डिहाइड्रेशन के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:
- प्यास लगना और मुंह सूखना
- त्वचा का सूखना और अनुच्छेदों की सूखेपन की शिकायत
- थकान और कमजोरी की अनुभूति
- दृष्टि कमजोर होना और अंधेरा दिखाई देना
- मूत्र समस्याएं, जैसे कि मूत्राशय की संक्रमण, मूत्र संकुचन और मूत्र निषेचन
- सिरदर्द और चक्कर आना
- दिल की धड़कन बढ़ना या तेज होना
- निमोनिया, उबकाई या उल्टी जैसी बीमारियों की संभावना
- उन्हें भूख नहीं लगती है
- अब हम डिहाइड्रेशन से बचने के लिए कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं:
पर्याप्त पानी पीना: गर्मियों में पर्याप्त पानी पीना बहुत महत्वपूर्ण होता है। आपको हर दिन कम से कम 8 से 10 गिलासइससे आपके शरीर को पूर्णतः हाइड्रेटेड रखने में मदद मिलती है और आप जल्दी डिहाइड्रेट नहीं होते।
2.ठंडे शरबत पिएं: ठंडे शरबत जैसे नींबू पानी, नारियल पानी, शरबत आदि पिएं।
यह एक अच्छा विकल्प है जब आपको ठंड नहीं लगता और आप पानी पीने में उदास हो रहे हैं। इस तरह के ठंडे शरबत आपको शीघ्रता से उर्जा प्रदान करते हैं और आप उन्हें समय-समय पर पीते रहते हैं। 3.स्पोर्ट्स ड्रिंक का सेवन: अगर आप गर्मियों में व्यायाम करते हैं तो स्पोर्ट्स ड्रिंक का सेवन कर सकते हैं। स्पोर्ट्स ड्रिंक में विटामिन, मिनरल्स और शरीर के लिए जरूरी तत्व होते हैं जो आपके शरीर के फ्लूइड्स की आपूर्ति को बनाए रखने में मदद करते हैं।
4.तरल पदार्थों का सेवन: गर्मियों में तरल पदार्थों का सेवन करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। आप मोसंबी जूस नारियल पानी, छाछ, शरबत, नंबू पानी आदि का सेवन कर सकते हैं।
नारियल पानी पीएं: नारियल पानी में विटामिन और मिनरल होते हैं, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं और डिहाइड्रेशन से बचाते हैं।
लेमन शरबत पीएं: लेमन शरबत भी डिहाइड्रेशन से बचने में मददगार होता है। इसमें विटामिन सी होता है जो शरीर को ताकत देता है।
खीरे का रस पीएं: खीरे के रस में जल और इलेक्ट्रोलाइट होते हैं जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं।
खाने में नमक कम करें: ज्यादा नमक खाने से शरीर में पानी की कमी होती है। इसलिए, खाने में नमक कम करें और शरीर को पर्याप्त पानी दें।
सब्जियों में पानी और फाइबर होता है जो आपके शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
गर्म तल पर खाने से बचें: गर्म तल पर बनी हुई चीजें खाने से बचें। ऐसी चीजें आपके शरीर को अधिक तरल बनाती हैं जो डिहाइड्रेशन का कारण बन सकती हैं।
व्यायाम करें: गर्मियों में नियमित व्यायाम करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। आप शाम के समय या सुबह के समय ठंडे स्थान पर जा कर व्यायाम कर सकते हैं। व्यायाम से आपका शरीर स्वस्थ रहता है और आप डिहाइड्रेशन से बच सकते हैं।
समय पर आराम: गर्मियों में समय पर आराम लेना बहुत महत्वपूर्ण होता है। जब आप थक जाते हैं तो आप तरलता के साथ-साथ नमी भी खो देते हैं। इसलिए, गर्मियों में आपको नियमित रूप से समय पर आराम लेना चाहिए। अधिक समय तक धूप में रहने से भी आप थक जाते हैं, इसलिए यदि आपको धूप में रहना हो तो समय-समय पर थोड़ा सा आराम लें और पानी पीते रहें।
सेहत जाँच: गर्मियों में सेहत जाँच करवाना बहुत महत्वपूर्ण होता है। आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए और अपने शरीर की स्थिति को जाँचवाना चाहिए।
होम्योपैथिक दवाओं का उपयोग डिहाइड्रेशन के लिए निम्नलिखित हो सकता है:
अर्सेनिक अल्बम ARSENIC ALBUM: यह दवा अधिक शुष्कता और अत्यधिक उत्तेजना से होने वाली डिहाइड्रेशन के लिए उपयोगी होती है। यह दवा पेट की भीड़ और त्वचा की खुशकी और दुर्बलता से लड़ने में मदद करती है।
ब्रायोनिया अल्बा BRYONIA ALBA यह दवा खारिश, खांसी, ठंड और अत्यधिक पसीने के साथ होने वाली डिहाइड्रेशन के लिए उपयोगी होती है। यह दवा शरीर के तापमान को नियंत्रित करती है और पेट में आराम देती है।
गेल्सेमियम GELSIMIUM: यह दवा उत्तेजित और थकाने वाले लोगों के लिए उपयोगी होती है। इस दवा का उपयोग सूखी त्वचा और मुंह के सुखाने के लिए भी किया जा सकता है।
ग्लोबुलस - ग्लोबुलस एक अलगाव दवा होती है जो शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करती है। यह दवा बच्चों को खिलाई जाती है जो डिहाइड्रेशन के जोखिम में होते हैं।
इन दवाओं का उपयोग बिना डॉक्टर के सलाह के नहीं किया जाना चाहिए। डिहाइड्रेशन के लक्षणों से पीड़ित लोगों को नियमित रूप से जल पीना चाहिए और उन्हें समय-समय पर अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
यह लेख डिहाइड्रेशन के विभिन्न प्रकारों, कारणों, लक्षणों और उपचार के बारे में विस्तार से बताता है। यह सुनिश्चित करना बहुत महत्वपूर्ण है कि आप पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें ताकि आप डिहाइड्रेशन से बच सकें।
इस लेख में डिहाइड्रेशन से बचने के लिए कुछ सरल उपाय भी बताए गए हैं, जैसे कि अधिक पानी पीना, संक्रमण से बचना और अत्यधिक गर्मी से बचना।
अगर आप डिहाइड्रेशन के लक्षणों का सामना कर रहे हैं तो आपको तुरंत एक चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। उचित उपचार लेने से आप अपने स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकते हैं।
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