घमौरियों के कारण लक्षण और होम्योपैथिक इलाज HEAT RASH SIGN SYMPTOMS AND HOMOEOPATHIC TREATMENT

 HEAT RASH घमौरियों                                                                                                                                          हीट रैश (Heat rash) एक आम समस्या है जो गर्मियों में त्वचा पर होती है। इसमें त्वचा के अंदर रसायनों की बढ़ती मात्रा से पसीना बनता है जो त्वचा की सतह पर नहीं निकल पाता है। यह पसीना त्वचा के अंदर रह जाता है और त्वचा में लगभग 1 मिलीमीटर तक के छोटे दाने बन जाते हैं। गर्मियों के सीजन के प्रारंभ होते ही जो चीज सबसे पहले दस्तक देती है वह घमौरी है। घमौरी सबसे अधिक बच्चों में होती है जो एक आम बात है। शरीर के पसीने की ग्रंथियों का मुंह बंद हो जाने के कारण अक्सर हमारे शरीर पर छोटे-छोटे लाल दाने निकल जाते हैं जिससे हमें जलन एवं खुजली होती है।
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शरीर में घमौरियों की स्थिति उस वक्त उत्पन्न होती है जब हमारी त्वचा की आबरू क्षेत्र त्वचा के नीचे मौजूद पसीने को बाहर की और नहीं निकाल पाते हैं। पसीने को बाहर नहीं निकल पाने के कारण छाले एवं छोटे-छोटे गांठ पड़ जाते हैं। कुछ प्रकार की घमोरियां ऐसी होती है जो काफी कांटेदार एवं अत्यधिक खुजली वाली होती है। 



खुजली एवं जलन होना तो आम बात है परंतु इन दोनों को तेज गर्मी में सहना काफी मुश्किल होता है। इन दोनों पर अधिक खुजली होने के कारण सारा ध्यान इसी पर रहता है। यह बीमारी अक्सर छाती पीट कमर आदि के आस-पास ही होती है। यह कई बार बिना किसी इलाज के अपने आप ही ठीक हो जाती है परंतु कई बार इन्हें डॉक्टर को भी दिखाना पड़ जाता है।

HEAT RASH 
घमौरियों के कारण 

  

गर्मी के मौसम में शरीर में पसीना बढ़ जाता है जो खुशकी का कारण बनता है और यह त्वचा को सूखा देता है। इस सूखापन के कारण, शरीर को ठंडा रखने के लिए अधिक पसीना निकालना पड़ता है जो घमोरियों का कारण बनता है। स्वेट ग्लैंड (Sweat glands) से अत्यधिक पसीना आना।


  • गर्म और आर्द्र वातावरण (Hot and humid environment) होना।


  • फिजिकल एक्टिविटी (Physical activity) नहीं करना।


  • (Fever) आना।


  • स्किन को नुकसान पहुंचाने वाले कपड़े जैसे सेंथेटिक कपड़े (Synthetic fabrics) पहनना।


  • लंबे वक्त से बेड रेस्ट (Prolonged bed rest) में रहना।


  • (Radiation therapy) लेना।


  • टॉक्सिक एपिडर्मल नेक्रोलिसीस (Toxic epidermal necrolysis) की समस्या होना।


  • ऐसे दवाओं (Medications) का सेवन करना जिसके सेवन से पसीना कम आता हो।

  • इन कारणों की वजह से हीट रैश यानी घमौरी की समस्या शुरू हो सकती


घमौरियों से बचने के उपाय

यदि आप घमोरियों से बचना चाहते हैं, तो इन टिप्स का उपयोग कर सकते हैं:

अपने शरीर को हमेशा ठंडा रखें। अधिकतम ठंडा पानी पिएं और फलों और सब्जियों का उपयोग करें।



अपने शरीर को सूखने से बचाने के लिए एयर कंडीशनर या पंखे का उपयोग करें।


शरीर के अंगों को ठंडे पानी से धोएं और ताजा और सुगंधित ताऊल का उपयोग करें।


लू से बचने के लिए अपने सिर को एक टोपी या कापड़े के ढेर में रखें जो सूर्य की रोशनी से आपको बचाएगा।
घरेलू नुस्खों का उपयोग करें, जैसे कि नारियल पानी, ठंडे दूध, खीरा, तरबूज आदि।
अगर आपको घमोरियों के लिए कुछ घरेलू उपचार आजमाने की इच्छा है, तो आप खीरा, दही, नींबू, आलू या बेकिंग सोडा का उपयोग कर सकते हैं।

खीरा - खीरे में बहुत ज्यादा पानी होता है जो शरीर को ठंडा रखता है। आप इसे ग्रेट करके पीने से फायदा होगा। इसके अलावा, खीरे के टुकड़ों को आप अपने आंखों के आसपास रखकर इस्तेमाल कर सकते हैं जो आपको ताजगी देंगे।


दही - दही में विटामिन ए और डी होता है जो आपकी त्वचा को ठंडा रखता है। आप दही को खाने के साथ ही दही से बनाई गई लस्सी भी पी सकते हैं।


नींबू - नींबू का रस शरीर को ठंडा रखता है और शरीर के विटामिन सी की कमी को भी पूरा करता है। नींबू के रस को पानी के साथ मिलाकर पीने से फायदा होता है।


आलू - आप आलू को बारीक काटकर उसका रस निकाल सकते हैं और उसे शरीर पर लगा सकते हैं। इससे शरीर का तापमान कम होता ता है और आपको ठंडा महसूस होता है।

बेकिंग सोडा - एक चम्मच बेकिंग सोडा को एक गिलास पानी में मिलाकर पीने से भी शरीर को ठंडा महसूस होता है। इसके अलावा, बेकिंग सोडा को नमक या नींबू के रस के साथ मिलाकर बनाया गया पेस्ट भी आप अपने शरीर पर लगा सकते हैं।

इन उपचारों के साथ साथ, आप निम्नलिखित बातों का भी ध्यान रख सकते हैं जो आपको घमोरियों से बचाएंगेसड़क पर नहीं खेलना चाहिए जब तापमान बहुत उच्च होता है।
घर से बाहर निकलते समय चाहिए कि आप उपयुक्त कपड़े पहनें जो ठंडा रखें।
आपको सदैव हाइड्रेटेड रखना चाहिए। ताजा जूस, निम्बू पानी या कोई भी अन्य पेय पीने से शरीर को आराम मिलता है।
सूरज के नीचे रहने से बचना चाहिए और जब भी बाहर निकलें, तो धूप में टोपी, शेड, या छतरी का उपयोग करना चाहिए।
इन सभी उपायों से आप घमोरियों से बच सकते हैं और गर्मी के मौसम में ठंडा महसूस कर सकत हैं। हालांकि, यदि घमोरियों का समस्या बहुत बड़ी हो जाए तो आपको चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।HEAT RASHESE HOMOEOPATHI
C TREATMENT

हीट रैश के लिए होम्योपैथिक दवाएं हैं। हालांकि, होम्योपैथिक दवाओं का चयन व्यक्ति के रोग के लक्षणों, प्रकृति और व्यक्तिगत स्थिति पर निर्भर करता है। कुछ उपयोगी होम्योपैथिक दवाएं निम्नलिखित हैं:
बेलाडोना - यह दवा जलजलाहट और दर्द को कम करने के लिए उपयोगी होती है। यह त्वचा के लाल दाने को दूर करती है।

सुल्फुर   SULPHUR - यह दवा त्वचा की खुश्की को कम करती है और त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करती है। इसके अलावा, यह एलर्जी और संक्रमण से लड़ने में भी मदद करती है

रुटा RUTA - यह दवा त्वचा के जलन और दर्द को कम करती है। यह त्वचा के नरम भागों को स्थिर करती है और त्वचा की सूखापन से निपटने में मदद करती है।

काली मुर KALI MURATICUM - यह दवा त्वचा की सूखापन और खुश्की को कम करती है। इसके अलावा, यह दवा त्वचा के लाल दानों को ठीक करने में मदद करती है।

बेलाडोना BELLADONA - यह दवा जलजलाहट और दर्द को कम करने के लिए उपयोगी होती है। यह त्वचा के लाल दाने को दूर करती है।
APIS MELLIFICA
एपिस मेलिस्पा जलन, चुभने और गंभीर चुभने वाली गर्मी से राहत पाने के लिए सबसे अच्छा होम्योपैथिक उपचारों में से एक है।। त्वचा का फटना स्पर्श के लिए बहुत संवेदनशील होता है और त्वचा लाल होती है। ठंडे पानी में स्नान करने और जलन से राहत पाने की इच्छा और प्रवृत्ति प्रमुख कारक हैं जो होम्योपैथिक चिकित्सा एपिस मेलिस्पा के उपयोग के लिए कहते हैं। व्यक्ति को तब और बुरा लगता है जब वह गर्म कमरे में होता है और राहत पाने के लिए ठंडी खुली हवा की तलाश करता है

इस समस्या को दूर करने में मदद कर सकती हैं। हालांकि, इन दवाओं का सेवन करने से पहले, व्यक्ति को एक विशेषज्ञ होम्योपैथिक चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए होगा कि व्यक्ति अपने लक्षणों के अनुसार सही दवा ले रहा है

इसके अलावा, हीट रैश से बचने के लिए व्यक्ति को त्वचा को सूखे होने से बचाने के लिए शाओमिंग विवरण वाले कपड़ों का उपयोग करना चाहिए। वे भी त्वचा को नरम और शुष्क होने से बचाने में मदद करते हैं। अतिरिक्त तरल पदार्थों जैसे कि शरबत और सॉफ्ट ड्रिंक्स से बचने की भी सलाह दी जाती है, और व्यक्ति को नियमित रूप से पानी पीना चाहिए।
                    इसलिए, आप ऊपर बताए गए उपचारों का उपयोग कर सकते हैं और अपने शरीर को ठंडा रख सकते हैं। इसके अलावा, उपरोक्त लक्षणों के लिए तुरंत चिकित्सक से परामर्श लेना बेहद आवश्यक है।


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